Friday, 9 December 2016
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Book - Kiran maths CLG 2016
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Book - Computer Litracy and Knowledge

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Wednesday, 7 December 2016
ये फेसबुक लाइक आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकता है
ये फेसबुक लाइक आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकता है
1
‘अगर आप मुझसे दोस्ती करना चाहते हैं तो कॉल करें.’ (साथ में एक लड़की की तस्वीर)
2
भगवान गणेश के सच्चे भक्त जरूर शेयर करें. शेयर करने पर 24 घंटें में शुभ समाचार मिलेगा. वरना आपके साथ अशुभ होगा.
3
इस सच्चे हिंदुस्तानी सैनिक के लिए कितने लाइक?
फेसबुक पर ऐसी पोस्ट बहुत देखी होंगी आपने. समझदार लोग इग्नोर कर देते हैं. लेकिन कुछ भोले लोग लाइक, कमेंट और शेयर के चक्कर में पड़ जाते हैं और एक सोची-समझी साजिश के शिकार बन जाते हैं.
फेसबुक पर लाइक की खेती हो रही है. इसकी फसल आपके लिए नुकसानदेह है. इस ‘लाइक फार्मिंग’ से बचकर रहिए.
क्या होती है लाइक फार्मिंग?
इंटरनेट की दुनिया में एक-से-एक स्पैमर पड़े हुए हैं. वो लाइक और शेयर जेनरेट करने के लिए ऐसी इमोशनल चीजें पोस्ट करते हैं कि भोले लोग इग्नोर नहीं कर पाते. जैसा कि फेसबुक काम करता है, जिस पोस्ट पर जितने लाइक-शेयर होंगे, वो उतना ज्यादा लोगों की न्यूजफीड में दिखेगा.
इससे स्पैमर्स को एक जगह बहुत सारे ज्यादा लोग मिल जाते हैं. यहीं से असली फर्जीवाड़ा शुरू होता है.
नुकसान होता है दो तरीके से
1
जब ये पोस्ट शेयर की जाती हैं तो ये बिल्कुल खतरनाक नहीं होती. लेकिन जब ये वायरल हो जाती है तो पोस्ट एडिट करके उसमें मैलिशियस लिंक्स डाल दिए जाते हैं. इन लिंक्स के जरिये वो अपने प्रोडक्ट का प्रचार कर सकते हैं, झांसे में लेकर आपकी डिटेल्स चोरी कर सकते हैं. इसके बाद एक ट्रिक ऐसी भी है जिससे स्पैमर आपके क्रेडिट कार्ड का डेटा तक उड़ा सकता है. ऐसी पोस्ट की एडिट हिस्ट्री चेक करें तो आप अकसर उनमें बदलाव पाएंगे. वो एक ऐसी पोस्ट बन चुकी होती है जिसे लाइक करने के बारे में आप सोचते भी नहीं. ओरिजिनल पोस्ट एडिट करने के अलावा इस पोस्ट के कमेंट्स में खूब सारे स्पैम वाले लिंक्स डाल दिए जाते हैं
2
बहुत सारे लोग फेसबुक पर प्राइवेसी सेटिंग ‘पब्लिक’ रखते हैं. मतलब जो लोग आपकी फ्रेंडलिस्ट में नहीं हैं, वो भी आपकी डिटेल्स देख सकते हैं, डाउनलोड कर सकते हैं. वैसे कोई यूं ही आपकी प्रोफाइल देखने नहीं आ रहा. लेकिन जब आप ‘लाइक फार्मिंग’ वाली किसी पोस्ट पर कमेंट कर आते हैं तो आप अपनी प्रोफाइल की पब्लिक डिटेल्स हजारों अनजान लोगों के सामने एक साथ एक्सपोज कर देते हैं. इससे इन तरीकों से आपका डेटा चुराया जा सकता है.
– आपका फोन नंबर या ईमेल लेकर उसे स्पैम किया जा सकता है. किसी नए प्रोडक्ट बेचने वाले SMS और कॉल्स से.
– आपकी तस्वीरें चुराई जा सकती हैं. ख़ास तौर से महिलाओं की. उनका आगे ‘लाइक फार्मिंग’ वाली पोस्ट में इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्हें मॉर्फ किया जा सकता है.
किस तरह की होती हैं ये पोस्ट?
ऐसी पोस्ट जिसे देखकर आप रुक जाएं. इमोशनल, देशभक्ति वाली, ग्लैमरस (जिसे ‘हॉट’ कहा जाता है), क्यूट, पॉलिटिकल या धार्मिक. कभी एक पिल्ले का फोटो डाल देंगे और पूछेंगे कि है ना क्यूट? कभी लिखेंगे कि कमेंट में 7 लिखो और चमत्कार देखो. कभी सर्जरी के बाद एक मरीज की फोटो डाल देंगे और कहेंगे कि देखो दुनिया कितनी खूबसूरत है. कभी कहेंगे कि इस सच्चे मुसलमान के लिए कितनी लाइक. या इस पोस्ट को शेयर करो और आईपॉड जीतो. कभी लिखेंगे कि सरकार के इस कदम के पक्ष में हैं तो कमेंट में 1 लिखें, विरोध में हैं तो 2 लिखें. कई बार ये भी लिखा जाता है कि इतने लाइक्स मिलेंगे तो मेरे साथ ये अच्छा होगा. या फलां से शर्त लगी है 10 हजार लाइक की. कर दो प्लीज.
– सेना के एक जवान की तस्वीर पर हमारे लाइक से कोई हमारी देशभक्ति का रिकॉर्ड रखता है क्या? हमारी देशभक्ति का कोई व्यापार कर ले तो हमें कैसा लगेगा?– ईश्वर अगर है तो क्या वो फेसबुक अकाउंट पर बीमार बच्चे के फोटो पर ‘लाइक’ और ‘आमीन’ के कमेंट्स गिनकर फैसला लेता है कि उस बच्चे को जीने दिया जाए या नहीं? कोई ओपिनियन पोल चल रहा है क्या?– वो कहते हैं कि इसे शेयर करने से किस्मत चमकेगी. चमक गई ?
जियो सिम के नाम पर ये लोग आपको मूर्ख बना रहे है लोग
जियो सिम के नाम पर ये लोग आपको मूर्ख बना रहे हैं
जो चीज मार्केट में हिट है, उसे ध्यान में रखते हुए ये जाल बुना जाता है. इससे पहले जब सरकार LED लाइट लेकर आई थी, तो कुछ लोग इसी तरह फ्री LED के नाम पर आपका डेटा चुरा रहे थे.
ये काम बहुत आसान है. कुछ चालाक इंडिविजुअल्स ये काम करते हैं. एक डोमेन नेम 200-300 रुपये में मिल जाता है. आप उनकी साइट पर पहुंचेंगे तो पहले दी जाएगी बधाई. फिर कहेंगे कि आप फलां फलां प्राइज जीत गए हैं. लेकिन उसे लेने के लिए आपको ये मैसेज 5 व्हॉट्सएप ग्रुप में शेयर करना है. आप ऐसा करते भी हैं. फिर उन ग्रुप्स के लोग इस लिंक पर जाकर अपनी जानकारी डाल आते हैं. इस तरह ये स्पैम फैलता जाता है और बहुत कम खर्चे में लाखों लोगों का एक डेटाबेस इन चालाक चोरों के पास बन जाता है. आपको जो बिल्डर प्लॉट और फ्लैट के मैसेज करते हैं, वो रैंडम नंबर्स पर नहीं किए जाते. वे लोग ऐसे ही लोगों से नंबरों का डेटाबेस खरीदते हैं.
कैसे पता लगाएं फर्जीवाड़ा
1
पहले तो वेबसाइट के URL से ही पता लग जाएगा. रिलायंस वाले जियो सिम बांटेंगे तो वो उनकी वेबसाइट Rcom.co.in के आगे स्लैश (/) के साथ लिखा होगा. तो आप वेब URL को ही ठीक से देखें तो पकड़ सकते हैं.
2
दूसरा, वेबसाइट को बैक ट्रैक कर सकते हैं. कि इस वेबसाइट का URL किसने और कब बुक किया और ये कब एक्सपायर होगा.
इसलिए. हौले हौले चलो भैया. सिम तो कद्दू मिलेगा. प्राइवेसी गंवा बैठोगे, सो अलग!
Tuesday, 6 December 2016
Book : Half GirlFriend - Chetan Bhagat

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AutoBiography Of Shah Rukh khan - 
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Playing It My Ways - Sachin Tendulkar 
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Tuesday, 10 May 2016
What are seeds, peers, trackers, pieces in uTorrent?
Torrents are peer-to-peer file transfer protocol. That means, there is no central source for the files, people download files which are being uploaded by others (in real time).
Seeds: Number of peers who have already downloaded the files, and are currently uploading them.
Peers (or Leechers): A leecher is any peer that does not have the entire file and is downloading the file.
Trackers: A tracker is a server that keeps track of which seeds and peers are in the swarm (swarm: all peers sharing a torrent - uploading or downloading).
Pieces: This refers to the torrented files being divided up into equal specific sized pieces (e.g., 64kB, 128kB, 512kB, 1MB, 2MB or 4MB). The pieces are distributed in a random fashion among peers in order to optimize trading efficiency.
Seeds: Number of peers who have already downloaded the files, and are currently uploading them.
Peers (or Leechers): A leecher is any peer that does not have the entire file and is downloading the file.
Trackers: A tracker is a server that keeps track of which seeds and peers are in the swarm (swarm: all peers sharing a torrent - uploading or downloading).
Pieces: This refers to the torrented files being divided up into equal specific sized pieces (e.g., 64kB, 128kB, 512kB, 1MB, 2MB or 4MB). The pieces are distributed in a random fashion among peers in order to optimize trading efficiency.
Friday, 29 January 2016
Internet Download Manager 7.1
Internet Download Manager 7.1 #Crack
Boost your download speed ...
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